कहानी – संस्कार क्या है: नमस्कार दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम आपके लिए Best Story on Sanskar in Hindi, संस्कार पर बेस्ट कहानी hindi और अंग्रेजी, Sanskar Kya Hai दोनों भाषा में लेकर आये हैं जिसे पढ़कर आप संस्कार का महत्त्व समझ पाएंगे तो आइये कहानी कि शुरुवात करते हैं
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कहानी – संस्कार क्या है | Best Story on Sanskar in Hindi
एक राजा के पास सुन्दर घोड़ी थी। कई बार युद्व में इस घोड़ी ने राजा के प्राण बचाये और घोड़ी राजा के लिए पूरी वफादार थीI कुछ दिनों के बाद इस घोड़ी ने एक बच्चे को जन्म दिया, बच्चा काना पैदा हुआ, पर शरीर हष्ट पुष्ट व सुडौल था।
बच्चा बड़ा हुआ, बच्चे ने मां से पूछा: मां मैं बहुत बलवान हूँ, पर काना हूँ, यह कैसे हो गया, इस पर घोड़ी बोली: “बेटा जब में गर्भवती थी, तू पेट में था तब राजा ने मेरे ऊपर सवारी करते समय मुझे एक कोड़ा मार दिया, जिसके कारण तू काना हो गया।
यह बात सुनकर बच्चे को राजा पर गुस्सा आया और मां से बोला: मां मैं इसका बदला लूंगा।
मां ने कहा “राजा ने हमारा पालन-पोषण किया है, तू जो स्वस्थ है.सुन्दर है, उसी के पोषण से तो है, यदि राजा को एक बार गुस्सा आ गया तो इसका अर्थ यह नहीं है कि हम उसे क्षति पहुचाये” , पर उस बच्चे के समझ में कुछ नहीं आया, उसने मन ही मन राजा से बदला लेने की सोच ली।
एक दिन यह मौका घोड़े को मिल गया राजा उसे युद्व पर ले गया । युद्व लड़ते-लड़ते राजा एक जगह घायल हो गया, घोड़ा उसे तुरन्त उठाकर वापस महल ले आया।
इस पर घोड़े को ताज्जुब हुआ और मां से पूछा: मां आज राजा से बदला लेने का अच्छा मौका था पर युद्व के मैदान में बदला लेने का ख्याल ही नहीं आया और न ही ले पाया, मन ने गवारा नहीं किया, इस पर घोडी हंस कर बोली: बेटा तेरे खून में और तेरे संस्कार में धोखा है ही नहीं, तू जानकर तो धोखा दे ही नहीं सकता है।”
“तुझ से नमक हरामी हो नहीं सकती, क्योंकि तेरी नस्ल में तेरी मां का ही तो अंश है।”
यह सत्य है कि जैसे हमारे संस्कार होते है, वैसा ही हमारे मन का व्यवहार होता है, हमारे पारिवारिक-संस्कार अवचेतन मस्तिष्क में गहरे बैठ जाते हैं, माता-पिता जिस संस्कार के होते हैं, उनके बच्चे भी उसी संस्कारों को लेकर पैदा होते हैं।
👉कहानी से शिक्षा:- Moral of The Story
दोस्तों हमारे कर्म ही ‘संस्कार’ बनते हैं और संस्कार ही प्रारब्धों का रूप लेते हैं! यदि हम कर्मों को सही व बेहतर दिशा दे दें तो संस्कार अच्छे बनेगें और संस्कार अच्छे बनेंगे तो जो प्रारब्ध का फल बनेगा, वह मीठा व स्वादिष्ट होगा।
Kahani – Sanskar kya hai | Best Story on Sanskar in English
ek raja ke paas sundar ghodi thi. kai baar yudhv mein is ghodi ne raja ke praan bachaaye aur ghodi raaja ke liye poori vafaadaar thi kuchh dinon ke baad is ghodi ne ek bachche ko janm diya, bachcha kaana paida hua, par shareer hasht pusht va sudaul tha.
bachcha bada hua, bachche ne maa se poochha: maa main bahut balvaan hoon, par kaana hoon, yah kaise ho gaya, is par ghodi boli: “beta jab mein garbhavati thi, tu pet mein tha tab raaja ne mere oopar savaari karate samay mujhe ek koda maar diya, jisake kaaran tu kaana ho gaya.
yah baat sunakar bachche ko raja par gussa aaya aur maa se bola: maa main isaka badala lunga.
maa ne kaha “raja ne hamaara paalan-poshan kiya hai, tu jo svasth hai.sundar hai, usi ke poshan se to hai, yadi raja ko ek baar gussa aa gaya to isaka arth yah nahin hai ki ham use kshati pahuchaaye” , par us bachche ke samajh mein kuchh nahin aaya, usane man hi man raja se badla lene ki soch lee.
ek din yah mauka ghode ko mil gaya raja use yudhv par le gaya . yudhv ladate-ladate raja ek jagah ghaayal ho gaya, ghoda use turant uthaakar vapas mahal le aaya.
is par ghode ko taajjub hua aur maa se poochha: maa aaj raja se badla lene ka achchha mauka tha par yudh ke maidaan mein badala lene ka khyaal hi nahin aaya aur na hi le paaya, man ne gavaara nahin kiya, is par ghodi hans kar boli: beta tere khoon mein aur tere sanskaar mein dhokha hai hi nahin, tu jaanakar to dhokha de hi nahin sakata hai.”
“tujh se namak haraami ho nahin sakati, kyonki teri nasl mein teri maa ka hi to ansh hai.”
yah saty hai ki jaise hamaare sanskaar hote hai, vaisa hi hamaare man ka vyavahaar hota hai, hamaare paarivaarik-sanskaar avachetan mastishk mein gahare baith jaate hain, maata-pita jis sanskaar ke hote hain, unake bachche bhi usee sanskaaron ko lekar paida hote hain.
👉kahani se shiksha:- moral of the story
Friends hamaare karm hi sanskaar banate hain aur sanskaar hi praarabdhon ka roop lete hain! yadi ham karmon ko sahi va behatar disha de den to sanskaar achchhe banegen aur sanskaar achchhe banenge to jo praarabdh ka phal banega, vah meetha va svaadisht hoga.
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